स्कूल का पहला दिन

 स्कूल का पहला दिन !!



स्कूल में आज मेरा पहला दिन है। माँ मेरा हाथ पकड़े हुए हैं और मेरे साथ चल रही हैं।

“मैं अब बड़ी हो गई हूँ,” मैं कहती हूँ।

“चलो...चलो!”

माँ ने मेरा हाथ कसकर पकड़ा हुआ है।


स्कूल में आज मेरा पहला दिन है। माँ मेरा हाथ पकड़े हुए हैं और मेरे साथ चल रही हैं।

“मैं अब बड़ी हो गई हूँ,” मैं कहती हूँ।

“चलो...चलो!”

माँ ने मेरा हाथ कसकर पकड़ा हुआ है


स्कूल
 के पास बहुत सारे बच्चे हैं।

कुछ बस से आते हैं। कुछ कार से आते हैं।

कुछ रिक्शे से आते हैं। कुछ साइकिल से और

कुछ पैदल आते हैं, मेरी तरह।


हम फाटक तक पहुँचे।

माँ मेरा हाथ छोड़ती हैं।

वह गेट पर रुक गईं। मुझे अंदर अकेले जाना है।

मेरे चारों तरफ़ बहुत से अनजाने चेहरे हैं।


मैं एक क़दम चलती हूँ। मैं दूसरा क़दम बढ़ाती हूँ। मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ।

जैसे मैं आगे बढ़ती जाती हूँ, माँ छोटी दिखती जाती हैं।

क्या वह गायब हो जाएँगी? मैं दौड़कर उनके पास जाती हूँ।

मुझे नहीं लगता कि मैं बड़ी हो चुकी हूँ। मैं उनका हाथ पकड़ती हूँ और कहती हूँ, “मत जाओ!”


सभी अंदर जा चुके हैं। सिर्फ मैं बाहर हूँ। टीचर दीदी बाहर आती हैं।

वे मुझे देख मुस्कराती हैं। मैं भी मुस्कराती हूँ।

माँ कहती हैं, “रानी जब तुम बाहर आओगी मैं यहीं मिलूँगी।”

मैं उनका हाथ छोड़ देती हूँ। वह हाथ हिलाती हैं।


मैं दौड़कर अंदर जाती हूँ।

माँ छुट्टी होने पर वहीं मिलेंगी! ...........




Comments

Popular posts from this blog

Pyramids is human build ?

The wild years

The Kohinoor